ग्राम पंचायत निरंदपुर की सरपंच अर्चना पटेल और पंचायत सचिव राजेश पटेल के वित्तीय अधिकार वापस ले लिए गए हैं। इन पर भारी वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। एक संगीन आरोप तो यह भी है कि एक मरे हुए व्यक्ति को जिंदा बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना के मस्टर रोल में उसका नाम जोड़ा और करीब 18 हजार रुपए निकाल लिए। पौधारोपण के नाम पर भी राशि निकाली जबकि जाँच में पौधे तो क्या गड्ढे तक नजर नहीं आए। इस प्रकार करीब 5 लाख 22 हजार रुपए का गबन किया गया।
ग्राम पंचायत निरंदपुर के पूर्व सरपंच मनीराम पटेल एवं ग्रामवासियों के द्वारा ग्राम पंचायत में आवास एवं पौधारोपण में किए जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत जनसुनवाई में की गई थी। जाँच के निर्देश सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह के न्यायालय ने दिए। 7 मई को जिला एवं जनपद पंचायत पनागर की टीम के द्वारा जाँच की गई। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार जाँच में यह पाया गया कि ग्राम पंचायत निरंदपुर में सरपंच अर्चना पटेल एवं सचिव राजेश पटेल ने वित्तीय अधिकारों का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तीन हितग्राहियों को मजदूरी की राशि का भुगतान नहीं किया, बल्कि उनसे बिना सहमति पत्र लिए मस्टर रोल में अन्य लोगों के नाम चढ़ाकर 35 हजार 152 रुपए की मजदूरी की राशि निकाल ली।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत में पौधारोपण के नाम पर सरपंच एवं सचिव ने 4 लाख के कार्य में स्थल पर 69 हजार 183 रुपए की मनरेगा की राशि का गबन किया। सरपंच और सचिव द्वारा जहाँ पौधारोपण होना बताया गया, जाँच में वहाँ न तो गड्ढे मिले और न ही पौधे लगे पाए गए। इसके अलावा सरपंच और सचिव ने पीएम आवास योजनांतर्गत मृत व्यक्ति स्व. धनसिंह दुबे के नाम से फर्जी मस्टर रोल जारी कर 18 हजार 360 रुपए राशि का किया। गबन भी जाँच में प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाया गया।