Mahakumbh Business Losses – महाकुंभ मेला में लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं, और इस दौरान छोटे कारोबारी भी बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि, प्रयागराज के दो युवक मंगला प्रसाद और नितेश की कहानी कुछ अलग है। उन्होंने कुंभ मेला क्षेत्र में अपनी परचून की दुकान लगाई थी, लेकिन उनका धंधा घाटे में रहा।
मंगला प्रसाद और नितेश ने बताया कि उन्होंने माता-पिता, भाई और दोस्त से 10-10 हजार रुपये लेकर कुल 40 हजार की पूंजी निवेश की थी। उन्होंने चाय-नाश्ते से लेकर खाने-पीने का सामान और स्नेक्स बेचने के लिए दुकान लगाई थी, लेकिन मेला क्षेत्र में भंडारे में सब कुछ फ्री मिल रहा था, जिससे उनका धंधा प्रभावित हुआ।
Mahakumbh Business Losses – उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में पानी, चाय, खाना सब कुछ भंडारे में एकदम फ्री मिल रहा है, जिससे लोग उनकी दुकान से खरीदारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग महाकुंभ आ रहे हैं कोई खरीदारी के लिए रुक नहीं रहा, लोग आते हैं और सीधे स्नान के लिए घाट पर चले जाते हैं, वहां से लौटकर सीधे अपने घरों के लिए रवाना हो जाते हैं।
Mahakumbh Business Losses – मंगला प्रसाद और नितेश ने बताया कि अब उनकी दुकान ठप हो गई है और जो भी कुछ बिक्री हुई थी वह मौनी अवामस्या के आसपास थी, जब लोगों की भारी भीड़ यहां आई और खरीदारी भी की। उन्होंने कहा कि अब महाकुंभ से साधु-संन्यासियों के शिविर उठ चुके हैं और कल्पवासी भी यहां से जा चुके हैं, और अब सिर्फ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ है।
Mahakumbh Business Losses – मंगला प्रसाद और नितेश ने बताया कि अब उन्हें अपना राशन वापस घर ले जाना पड़ रहा है, और उनकी दुकान भी अब यहां से हटने वाली है। उन्होंने कहा कि उन्हें उदासी है कि उनका मकसद पूरा नहीं हो सका, और अब उन्हें अपना दातून चूल्हे में जलाना पड़ेगा।
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