AI JOB – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज रफ्तार अब भारत नौकरी बाजार को हिला रही है। नेशनल फाउंडेशन फॉर एजुकेशनल रिसर्च (NFER) की ताजा रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि 2035 तक AI JOB और ऑटोमेशन मिलकर करीब 3 मिलियन लो-स्किल्ड पदों को मिटा सकते हैं। रिपोर्टकारों का अनुमान है कि इकॉनमी में 2.3 मिलियन नई संभावनाएं खुलेंगी, मगर ये अवसर ऊंचे कौशल वाले लोगों तक सीमित रह सकते हैं, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ने का खतरा है।

खतरे की लिस्ट: ये जॉब्स सबसे असुरक्षित
रिपोर्ट रूटीन कार्यों पर फोकस करती है, जो मशीनों के लिए आसान शिकार हैं। NFER के विश्लेषण से सामने आई मुख्य जोखिम वाली भूमिकाएं:
प्रशासनिक सहायक और ऑफिस क्लर्क
कारखाने के मशीन संचालक
गोदाम कर्मचारी
कैशियर और रिटेल काउंटर स्टाफ
कुछ ट्रेड जॉब्स जैसे बिजली का काम या छत मरम्मत
ये पद दोहराव वाले होते हैं, इसलिए AI JOB टूल्स इन्हें तेजी से रिप्लेस कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में ही इन क्षेत्रों में बदलाव दिखने लगेंगे।

सुरक्षित क्षेत्र: यहां चमकेगी किस्मत
उल्टा, जटिल सोच और मानवीय स्पर्श वाली नौकरियां मजबूत रहेंगी। रिपोर्ट हाई-डिमांड वाले सेक्टर्स को रेखांकित करती है:
इंजीनियर और वैज्ञानिक
शिक्षक व एजुकेटर्स
स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ
कानूनी सलाहकार
प्रबंधन व मनोविज्ञान पेशेवर
टेक्नोलॉजी यहां उत्पादकता बढ़ाएगी, जिससे वर्कलोड तो बढ़ेगा मगर पद सुरक्षित रहेंगे। फिर भी, इनमें भी AI JOB सहायक बनेगा, जैसे वकीलों के लिए रिसर्च टूल्स।

रीस्किलिंग की घंटी: जूड हिलेरी की चेतावनी
NFER के प्रमुख लेखक जूड हिलेरी ने जोर दिया कि नौकरी हानि का डर बढ़ा-चढ़ाकर न हो, मगर कम कौशल वाले कर्मियों का पुन: प्रशिक्षण बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नई नौकरियां प्रोफेशनल स्तर की हैं, जबकि बेरोजगारों को बाजार में लौटना मुश्किल होगा। आर्थिक मंदी भी छंटनियों को बढ़ावा दे रही है।
टेक दिग्गजों में छंटनी का सिलसिला
वास्तविकता रिपोर्ट से मेल खाती है। हाल के हफ्तों में:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में 50 बिजनेस पद AI के नाम पर काटे।
PwC ने 1 लाख भर्ती योजना स्थगित की।
ऐप्पल ने सेल्स टीम सिकुड़ाई।
गूगल ने डिजाइन व क्लाउड टीमों से 100+ कर्मी निकाले।
ये उदाहरण दिखाते हैं कि AI न सिर्फ नई नौकरियां बना रहा, बल्कि पुरानी संरचना बदल रहा है।
अन्य अध्ययनों में भी विविधता है- किंग्स कॉलेज ने हाई-पे जॉब्स पर फोकस किया, जबकि सरकार हेल्थकेयर को जोखिम भरा मानती है। NFER रिपोर्ट साफ संदेश देती है: कौशल उन्नयन ही भविष्य की कुंजी है, वरना 2035 तक असमानता गहरी हो जाएगी।

दूसरी तरफ, जिन रोल्स में क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, कॉम्प्लेक्स डिसीजन मेकिंग और इंसानी इंटरैक्शन की जरूरत होती है, उनकी डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित सेक्टर्स में नौकरियों का दौर जारी रह सकता है:
इंजीनियरिंग और साइंटिफिक रिसर्च
एजुकेशन और टीचिंग
हेल्थकेयर (डॉक्टर्स, नर्सेज, थेरेपिस्ट्स)
लॉ और लीगल प्रोफेशनल्स
मैनेजमेंट और साइकोलॉजी
NFER के अनुसार, टेक्नोलॉजी इन प्रोफेशनल्स के रोल्स को खत्म करने के बजाय उनके वर्कलोड को बढ़ा रही है, जिससे इन रोल्स की डिमांड शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म में बढ़ सकती है।
असली चिंता: रीस्किलिंग की दिशा
NFER की रिपोर्ट के लेखकों में से एक जूड हिलेरी का कहना है कि बड़ी चिंता यह नहीं है कि AI अभी-अभी लाखों नौकरियां खत्म कर देगा, बल्कि यह है कि जो लोग नौकरी खो देंगे, वे नए रोल्स के लिए रीस्किल कैसे करेंगे। उनके मुताबिक, जो नई नौकरियां बन रही हैं, वे ज्यादातर प्रोफेशनल और एसोसिएट प्रोफेशनल्स के लिए हैं, जबकि डिस्प्लेस्ड वर्कर्स के लिए लेबर मार्केट में वापस आने में बड़ी रुकावटें हैं।

हिलेरी का मानना है कि अभी चल रही छंटनी का असली कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक ठहराव और एम्प्लॉयर्स की रिस्क-एवर्स नीतियां हो सकती हैं, न कि सिर्फ AI। उन्होंने कहा, “बहुत सारे एम्प्लॉयर अभी भी यह नहीं समझ पा रहे कि AI का असल में क्या मतलब है।”
टेक जगत में छंटनी का दौर
इस रिपोर्ट के साथ ही असल दुनिया में भी AI के असर के संकेत साफ दिख रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में टेक जगत में बड़े पैमाने पर छंटनी का दौर चल रहा है:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में अपने बिजनेस सर्विसेज स्टाफ के 10% रोल्स को AI के बढ़ते इस्तेमाल का हवाला देते हुए खत्म कर दिया।
PwC ने 2021–2026 के बीच 1 लाख लोगों को हायर करने की योजना वापस ले ली है, क्योंकि AI ने हायरिंग की जरूरतों को बदल दिया है।
ऐप्पल ने अपनी सेल्स टीम में रोल्स कम करने की घोषणा की है, ताकि कंपनी कस्टमर्स के साथ जुड़ने के तरीके को बेहतर बनाया जा सके।
गूगल ने अपनी डिजाइन और यूजर एक्सपीरियंस टीम से 100+ कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिसमें क्लाउड यूनिट की क्वांटिटेटिव यूजर एक्सपीरियंस और प्लेटफॉर्म टीमें शामिल हैं।

अलग-अलग रिसर्च, अलग निष्कर्ष
NFER की रिपोर्ट के निष्कर्ष कुछ हाल की अन्य रिसर्च से अलग हैं। किंग्स कॉलेज की एक स्टडी के मुताबिक, 2021–2025 के बीच ज्यादा सैलरी वाली फर्मों में लगभग 9.4% नौकरियां गईं, जिनमें से ज्यादातर ChatGPT जैसे जनरेटिव AI टूल्स के आने के बाद हुईं।
इसके बावजूद, UK सरकार की एक आधिकारिक लिस्ट में मैनेजमेंट कंसल्टेंट, साइकोलॉजिस्ट और लीगल प्रोफेशनल्स को “AI के सबसे ज्यादा संपर्क में आने वाले” रोल्स में शामिल किया गया है, जबकि स्पोर्ट्स प्लेयर, छत बनाने वाले और राजमिस्त्री जैसे रोल अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जा रहे हैं।

संवाददाता की आवश्यकता है, सम्पर्क कीजिये – 8435113308
लगातार खबरों को देखने एवं पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक कीजिये
हमारे व्हाट्सअप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक कीजिये
हमारे यूट्यूब वीडियो को देखने के लिए अभी लिंक पर क्लिक कीजिये
Singrauli – कलेक्टर गौरव बैनल पहुंचे जिला अस्पताल, सफाई संविदाकार एवं डाक्टर से दिखे नाराज
AI JOB – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज रफ्तार अब भारत नौकरी बाजार को हिला रही है। नेशनल फाउंडेशन फॉर एजुकेशनल रिसर्च (NFER) की ताजा रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि 2035 तक AI JOB और ऑटोमेशन मिलकर करीब 3 मिलियन लो-स्किल्ड पदों को मिटा सकते हैं। रिपोर्टकारों का अनुमान है कि इकॉनमी में 2.3 मिलियन नई संभावनाएं खुलेंगी, मगर ये अवसर ऊंचे कौशल वाले लोगों तक सीमित रह सकते हैं, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ने का खतरा है।

खतरे की लिस्ट: ये जॉब्स सबसे असुरक्षित
रिपोर्ट रूटीन कार्यों पर फोकस करती है, जो मशीनों के लिए आसान शिकार हैं। NFER के विश्लेषण से सामने आई मुख्य जोखिम वाली भूमिकाएं:
प्रशासनिक सहायक और ऑफिस क्लर्क
कारखाने के मशीन संचालक
गोदाम कर्मचारी
कैशियर और रिटेल काउंटर स्टाफ
कुछ ट्रेड जॉब्स जैसे बिजली का काम या छत मरम्मत
ये पद दोहराव वाले होते हैं, इसलिए AI JOB टूल्स इन्हें तेजी से रिप्लेस कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में ही इन क्षेत्रों में बदलाव दिखने लगेंगे।

सुरक्षित क्षेत्र: यहां चमकेगी किस्मत
उल्टा, जटिल सोच और मानवीय स्पर्श वाली नौकरियां मजबूत रहेंगी। रिपोर्ट हाई-डिमांड वाले सेक्टर्स को रेखांकित करती है:
इंजीनियर और वैज्ञानिक
शिक्षक व एजुकेटर्स
स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ
कानूनी सलाहकार
प्रबंधन व मनोविज्ञान पेशेवर
टेक्नोलॉजी यहां उत्पादकता बढ़ाएगी, जिससे वर्कलोड तो बढ़ेगा मगर पद सुरक्षित रहेंगे। फिर भी, इनमें भी AI JOB सहायक बनेगा, जैसे वकीलों के लिए रिसर्च टूल्स।

रीस्किलिंग की घंटी: जूड हिलेरी की चेतावनी
NFER के प्रमुख लेखक जूड हिलेरी ने जोर दिया कि नौकरी हानि का डर बढ़ा-चढ़ाकर न हो, मगर कम कौशल वाले कर्मियों का पुन: प्रशिक्षण बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नई नौकरियां प्रोफेशनल स्तर की हैं, जबकि बेरोजगारों को बाजार में लौटना मुश्किल होगा। आर्थिक मंदी भी छंटनियों को बढ़ावा दे रही है।
टेक दिग्गजों में छंटनी का सिलसिला
वास्तविकता रिपोर्ट से मेल खाती है। हाल के हफ्तों में:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में 50 बिजनेस पद AI के नाम पर काटे।
PwC ने 1 लाख भर्ती योजना स्थगित की।
ऐप्पल ने सेल्स टीम सिकुड़ाई।
गूगल ने डिजाइन व क्लाउड टीमों से 100+ कर्मी निकाले।
ये उदाहरण दिखाते हैं कि AI न सिर्फ नई नौकरियां बना रहा, बल्कि पुरानी संरचना बदल रहा है।
अन्य अध्ययनों में भी विविधता है- किंग्स कॉलेज ने हाई-पे जॉब्स पर फोकस किया, जबकि सरकार हेल्थकेयर को जोखिम भरा मानती है। NFER रिपोर्ट साफ संदेश देती है: कौशल उन्नयन ही भविष्य की कुंजी है, वरना 2035 तक असमानता गहरी हो जाएगी।

दूसरी तरफ, जिन रोल्स में क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, कॉम्प्लेक्स डिसीजन मेकिंग और इंसानी इंटरैक्शन की जरूरत होती है, उनकी डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित सेक्टर्स में नौकरियों का दौर जारी रह सकता है:
इंजीनियरिंग और साइंटिफिक रिसर्च
एजुकेशन और टीचिंग
हेल्थकेयर (डॉक्टर्स, नर्सेज, थेरेपिस्ट्स)
लॉ और लीगल प्रोफेशनल्स
मैनेजमेंट और साइकोलॉजी
NFER के अनुसार, टेक्नोलॉजी इन प्रोफेशनल्स के रोल्स को खत्म करने के बजाय उनके वर्कलोड को बढ़ा रही है, जिससे इन रोल्स की डिमांड शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म में बढ़ सकती है।
असली चिंता: रीस्किलिंग की दिशा
NFER की रिपोर्ट के लेखकों में से एक जूड हिलेरी का कहना है कि बड़ी चिंता यह नहीं है कि AI अभी-अभी लाखों नौकरियां खत्म कर देगा, बल्कि यह है कि जो लोग नौकरी खो देंगे, वे नए रोल्स के लिए रीस्किल कैसे करेंगे। उनके मुताबिक, जो नई नौकरियां बन रही हैं, वे ज्यादातर प्रोफेशनल और एसोसिएट प्रोफेशनल्स के लिए हैं, जबकि डिस्प्लेस्ड वर्कर्स के लिए लेबर मार्केट में वापस आने में बड़ी रुकावटें हैं।

हिलेरी का मानना है कि अभी चल रही छंटनी का असली कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक ठहराव और एम्प्लॉयर्स की रिस्क-एवर्स नीतियां हो सकती हैं, न कि सिर्फ AI। उन्होंने कहा, “बहुत सारे एम्प्लॉयर अभी भी यह नहीं समझ पा रहे कि AI का असल में क्या मतलब है।”
टेक जगत में छंटनी का दौर
इस रिपोर्ट के साथ ही असल दुनिया में भी AI के असर के संकेत साफ दिख रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में टेक जगत में बड़े पैमाने पर छंटनी का दौर चल रहा है:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में अपने बिजनेस सर्विसेज स्टाफ के 10% रोल्स को AI के बढ़ते इस्तेमाल का हवाला देते हुए खत्म कर दिया।
PwC ने 2021–2026 के बीच 1 लाख लोगों को हायर करने की योजना वापस ले ली है, क्योंकि AI ने हायरिंग की जरूरतों को बदल दिया है।
ऐप्पल ने अपनी सेल्स टीम में रोल्स कम करने की घोषणा की है, ताकि कंपनी कस्टमर्स के साथ जुड़ने के तरीके को बेहतर बनाया जा सके।
गूगल ने अपनी डिजाइन और यूजर एक्सपीरियंस टीम से 100+ कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिसमें क्लाउड यूनिट की क्वांटिटेटिव यूजर एक्सपीरियंस और प्लेटफॉर्म टीमें शामिल हैं।

अलग-अलग रिसर्च, अलग निष्कर्ष
NFER की रिपोर्ट के निष्कर्ष कुछ हाल की अन्य रिसर्च से अलग हैं। किंग्स कॉलेज की एक स्टडी के मुताबिक, 2021–2025 के बीच ज्यादा सैलरी वाली फर्मों में लगभग 9.4% नौकरियां गईं, जिनमें से ज्यादातर ChatGPT जैसे जनरेटिव AI टूल्स के आने के बाद हुईं।
इसके बावजूद, UK सरकार की एक आधिकारिक लिस्ट में मैनेजमेंट कंसल्टेंट, साइकोलॉजिस्ट और लीगल प्रोफेशनल्स को “AI के सबसे ज्यादा संपर्क में आने वाले” रोल्स में शामिल किया गया है, जबकि स्पोर्ट्स प्लेयर, छत बनाने वाले और राजमिस्त्री जैसे रोल अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जा रहे हैं।

संवाददाता की आवश्यकता है, सम्पर्क कीजिये – 8435113308
लगातार खबरों को देखने एवं पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक कीजिये
हमारे व्हाट्सअप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक कीजिये
हमारे यूट्यूब वीडियो को देखने के लिए अभी लिंक पर क्लिक कीजिये
Singrauli – कलेक्टर गौरव बैनल पहुंचे जिला अस्पताल, सफाई संविदाकार एवं डाक्टर से दिखे नाराज
AI JOB – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज रफ्तार अब भारत नौकरी बाजार को हिला रही है। नेशनल फाउंडेशन फॉर एजुकेशनल रिसर्च (NFER) की ताजा रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि 2035 तक AI JOB और ऑटोमेशन मिलकर करीब 3 मिलियन लो-स्किल्ड पदों को मिटा सकते हैं। रिपोर्टकारों का अनुमान है कि इकॉनमी में 2.3 मिलियन नई संभावनाएं खुलेंगी, मगर ये अवसर ऊंचे कौशल वाले लोगों तक सीमित रह सकते हैं, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ने का खतरा है।

खतरे की लिस्ट: ये जॉब्स सबसे असुरक्षित
रिपोर्ट रूटीन कार्यों पर फोकस करती है, जो मशीनों के लिए आसान शिकार हैं। NFER के विश्लेषण से सामने आई मुख्य जोखिम वाली भूमिकाएं:
प्रशासनिक सहायक और ऑफिस क्लर्क
कारखाने के मशीन संचालक
गोदाम कर्मचारी
कैशियर और रिटेल काउंटर स्टाफ
कुछ ट्रेड जॉब्स जैसे बिजली का काम या छत मरम्मत
ये पद दोहराव वाले होते हैं, इसलिए AI JOB टूल्स इन्हें तेजी से रिप्लेस कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में ही इन क्षेत्रों में बदलाव दिखने लगेंगे।

सुरक्षित क्षेत्र: यहां चमकेगी किस्मत
उल्टा, जटिल सोच और मानवीय स्पर्श वाली नौकरियां मजबूत रहेंगी। रिपोर्ट हाई-डिमांड वाले सेक्टर्स को रेखांकित करती है:
इंजीनियर और वैज्ञानिक
शिक्षक व एजुकेटर्स
स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ
कानूनी सलाहकार
प्रबंधन व मनोविज्ञान पेशेवर
टेक्नोलॉजी यहां उत्पादकता बढ़ाएगी, जिससे वर्कलोड तो बढ़ेगा मगर पद सुरक्षित रहेंगे। फिर भी, इनमें भी AI JOB सहायक बनेगा, जैसे वकीलों के लिए रिसर्च टूल्स।

रीस्किलिंग की घंटी: जूड हिलेरी की चेतावनी
NFER के प्रमुख लेखक जूड हिलेरी ने जोर दिया कि नौकरी हानि का डर बढ़ा-चढ़ाकर न हो, मगर कम कौशल वाले कर्मियों का पुन: प्रशिक्षण बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नई नौकरियां प्रोफेशनल स्तर की हैं, जबकि बेरोजगारों को बाजार में लौटना मुश्किल होगा। आर्थिक मंदी भी छंटनियों को बढ़ावा दे रही है।
टेक दिग्गजों में छंटनी का सिलसिला
वास्तविकता रिपोर्ट से मेल खाती है। हाल के हफ्तों में:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में 50 बिजनेस पद AI के नाम पर काटे।
PwC ने 1 लाख भर्ती योजना स्थगित की।
ऐप्पल ने सेल्स टीम सिकुड़ाई।
गूगल ने डिजाइन व क्लाउड टीमों से 100+ कर्मी निकाले।
ये उदाहरण दिखाते हैं कि AI न सिर्फ नई नौकरियां बना रहा, बल्कि पुरानी संरचना बदल रहा है।
अन्य अध्ययनों में भी विविधता है- किंग्स कॉलेज ने हाई-पे जॉब्स पर फोकस किया, जबकि सरकार हेल्थकेयर को जोखिम भरा मानती है। NFER रिपोर्ट साफ संदेश देती है: कौशल उन्नयन ही भविष्य की कुंजी है, वरना 2035 तक असमानता गहरी हो जाएगी।

दूसरी तरफ, जिन रोल्स में क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, कॉम्प्लेक्स डिसीजन मेकिंग और इंसानी इंटरैक्शन की जरूरत होती है, उनकी डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित सेक्टर्स में नौकरियों का दौर जारी रह सकता है:
इंजीनियरिंग और साइंटिफिक रिसर्च
एजुकेशन और टीचिंग
हेल्थकेयर (डॉक्टर्स, नर्सेज, थेरेपिस्ट्स)
लॉ और लीगल प्रोफेशनल्स
मैनेजमेंट और साइकोलॉजी
NFER के अनुसार, टेक्नोलॉजी इन प्रोफेशनल्स के रोल्स को खत्म करने के बजाय उनके वर्कलोड को बढ़ा रही है, जिससे इन रोल्स की डिमांड शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म में बढ़ सकती है।
असली चिंता: रीस्किलिंग की दिशा
NFER की रिपोर्ट के लेखकों में से एक जूड हिलेरी का कहना है कि बड़ी चिंता यह नहीं है कि AI अभी-अभी लाखों नौकरियां खत्म कर देगा, बल्कि यह है कि जो लोग नौकरी खो देंगे, वे नए रोल्स के लिए रीस्किल कैसे करेंगे। उनके मुताबिक, जो नई नौकरियां बन रही हैं, वे ज्यादातर प्रोफेशनल और एसोसिएट प्रोफेशनल्स के लिए हैं, जबकि डिस्प्लेस्ड वर्कर्स के लिए लेबर मार्केट में वापस आने में बड़ी रुकावटें हैं।

हिलेरी का मानना है कि अभी चल रही छंटनी का असली कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक ठहराव और एम्प्लॉयर्स की रिस्क-एवर्स नीतियां हो सकती हैं, न कि सिर्फ AI। उन्होंने कहा, “बहुत सारे एम्प्लॉयर अभी भी यह नहीं समझ पा रहे कि AI का असल में क्या मतलब है।”
टेक जगत में छंटनी का दौर
इस रिपोर्ट के साथ ही असल दुनिया में भी AI के असर के संकेत साफ दिख रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में टेक जगत में बड़े पैमाने पर छंटनी का दौर चल रहा है:
क्लिफोर्ड चांस ने लंदन में अपने बिजनेस सर्विसेज स्टाफ के 10% रोल्स को AI के बढ़ते इस्तेमाल का हवाला देते हुए खत्म कर दिया।
PwC ने 2021–2026 के बीच 1 लाख लोगों को हायर करने की योजना वापस ले ली है, क्योंकि AI ने हायरिंग की जरूरतों को बदल दिया है।
ऐप्पल ने अपनी सेल्स टीम में रोल्स कम करने की घोषणा की है, ताकि कंपनी कस्टमर्स के साथ जुड़ने के तरीके को बेहतर बनाया जा सके।
गूगल ने अपनी डिजाइन और यूजर एक्सपीरियंस टीम से 100+ कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिसमें क्लाउड यूनिट की क्वांटिटेटिव यूजर एक्सपीरियंस और प्लेटफॉर्म टीमें शामिल हैं।

अलग-अलग रिसर्च, अलग निष्कर्ष
NFER की रिपोर्ट के निष्कर्ष कुछ हाल की अन्य रिसर्च से अलग हैं। किंग्स कॉलेज की एक स्टडी के मुताबिक, 2021–2025 के बीच ज्यादा सैलरी वाली फर्मों में लगभग 9.4% नौकरियां गईं, जिनमें से ज्यादातर ChatGPT जैसे जनरेटिव AI टूल्स के आने के बाद हुईं।
इसके बावजूद, UK सरकार की एक आधिकारिक लिस्ट में मैनेजमेंट कंसल्टेंट, साइकोलॉजिस्ट और लीगल प्रोफेशनल्स को “AI के सबसे ज्यादा संपर्क में आने वाले” रोल्स में शामिल किया गया है, जबकि स्पोर्ट्स प्लेयर, छत बनाने वाले और राजमिस्त्री जैसे रोल अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जा रहे हैं।

संवाददाता की आवश्यकता है, सम्पर्क कीजिये – 8435113308
लगातार खबरों को देखने एवं पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक कीजिये
हमारे व्हाट्सअप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक कीजिये
हमारे यूट्यूब वीडियो को देखने के लिए अभी लिंक पर क्लिक कीजिये
Singrauli – कलेक्टर गौरव बैनल पहुंचे जिला अस्पताल, सफाई संविदाकार एवं डाक्टर से दिखे नाराज







