Royal Enfield – मोटरसाइकिल बाजार में हुए हालिया बदलाव के बाद रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) ने सरकार से एक बड़ी मांग की है। कंपनी ने भारत में 350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर लागू भारी 40% GST को घटाकर पूरे सेगमेंट के लिए समान 18% GST लागू करने की अपील की है। अभी देश में 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलों पर 18% GST है, जबकि 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलों पर 40% GST लगता है, जिससे ग्राहक की जेब पर बड़ा बोझ पड़ता है और इससे इस सेगमेंट की बिक्री धीमी पड़ती है।
रॉयल एनफील्ड Royal Enfield का कहना है कि यह विभाजित GST संरचना भारत के मिड-साइज़ मोटरसाइकिल सेक्टर को नुकसान पहुंचा रही है। कंपनी यह मानती है कि यदि 350 सीसी से ऊपर की बाइक्स पर GST घटाया गया तो इनकी बिक्री में वृद्धि होगी और स्केल टिंग के कारण नई तकनीक और मॉडल विकसित करने के लिए निवेश भी बढ़ेगा। भारत मिड-साइज़ बाइक के प्रोडक्शन हब के रूप में उभर सकता है, लेकिन इसके लिए टैक्स दरों का एकसमान होना बेहद जरूरी है।

इस समय 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें जैसे कि रॉयल एनफील्ड की 450 सीसी और 650 सीसी कैटेगरी की बाइक्स 40% टैक्स की वजह से महंगी हो गई हैं। इसका असर सीधे तौर पर ग्राहक की खरीद क्षमता पर पड़ता है, जिससे इन प्रीमियम बाइक्स की मांग कम हो जाती है। रॉयल एनफील्ड की बिक्री टीम ने बताया कि GST कटौती से 350 सीसी तक की बाइक्स की बिक्री में वृद्धि हुई है, लेकिन 350 सीसी से ऊपर के मॉडल में अभी भी प्राथमिक चुनौतियां हैं। अगर GST 18% किया जाता है तो बाइक Royal Enfield की कीमतों में 20,000 से 60,000 रुपये तक की कमी हो सकती है जो बिक्री को काफी बढ़ा देगा।
भारत को मिड-साइज़ मोटरसाइकिल उत्पादन में वैश्विक अग्रणी माना जाता है और यह सेगमेंट विदेशी निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि टैक्स ज्यादा रहेगा तो कंपनी के R&D और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और देश में निवेश भी कम होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत का मौका छिन सकती हैं। इसलिए, उद्योग जगत रॉयल एनफील्ड Royal Enfield के साथ सरकार से इस मांग को लेकर संवाद स्थापित कर रहा है ताकि टैक्स नीति को लेकर संशोधन किया जा सके।
रॉयल एनफील्ड Royal Enfield की यह मांग न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय मोटरसाइकिल उद्योग के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। एकजीवन GST दर लागू करने से बाजार में स्थिरता आएगी और मिड-साइज़ मोटरसाइकलों की उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उद्योग और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।








