मध्यप्रदेश – 40 हजार स्वसहायता समूह और उनसे जुड़ी करीब 6 लाख महिलाएं अचानक हुई गायब, जानिए पूरा मामला

 मप्र में 40 हजार स्वसहायता समूह और उनसे जुड़ी करीब 6 लाख महिलाएं अचानक गायब हो गई हैं। राजगढ़ जिले में सर्वाधिक 7 हजार स्वसहायता समूहों से जुड़ी 40 हजार महिलाएं लापता हैं तो विदिशा जिले में 2500 समूह और उनसे जुड़ी 20 हजार महिलाएं नहीं मिल रही हैं।

रायसेन में 1500 समूहों से जुड़ी 18 हजार महिलाओं का पता नहीं है। ये करिश्मा हुआ है आधार लिंकिंग के बाद। मप्र में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के स्वसहायता 6 समूहों को पहले नाम और पते के आधार पर जोड़ा गया था। साल 2024-25 में महिलाओं की संख्या 62 लाख और समूह 5,04,213 थे।

अब जब नाम पते और बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ा जा रहा है तो समूहों की संख्या 4 लाख 63 हजार 361 रह गई है। जो 40 हजार समूह कम हुए हैं, उनसे 6 लाख महिलाएं जुड़ी थीं। सरकार की दलील है कि ये महिलाएं सक्रिय नहीं हैं, इसलिए आंकड़े मिसमैच हैं बड़ा सवाल है कि इन महिलाओं के नाम से हर साल जो करीब 115 करोड़ रुपए की राशि निकल रही थी, वह कहां गई? सवाल… सालाना 115 करोड़ कहां जा रहे थे? आधा अब मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल… अभी समूहों के जरिये नई महिलाओं को जोड़ने की प्रक्रिया भी चल रही है, ताकि ये संख्या वापस 62 लाख पर लाई जा सके।

नजर रखने के लिए ‘लोकोस’ पोर्टल तैयार किया गया है। 2012 से महिला स्वसहायता समूहों के मंच का उपयोग शुरू किया गया था।  मॉनिटरिंग का नया सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे महिला स्वसहायता समूहों और उनकी गतिविधियों की जानकारी ली जा सकेगी।

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