Pahalgam – पहचान पाकिस्तानी लेकिन ख्वाहिश हिंदुस्तान में जिंदगानी… घरवापसी कर रहे पाकिस्तानियों की कहानी

Pahalgam – जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां अल्पकालिक वीजा पर रह रहे पाकिस्तानियों का पता लगाएं और उन्हें डिपोर्ट करें। इस आदेश के बाद से कई पाकिस्तानी नागरिकों की जिंदगी में भूचाल आ गया है।
बुलंदशहर के खुर्जा कस्बे में रहने वाली मरियम, जिनकी शादी भारत में हुई है, वह अब वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहती हैं। उनका कहना है कि जहां मेरा पति है, वहीं मेरा घर है। मैं यहीं रहना चाहती हूं। मरियम ने बताया कि वह दो महीने पहले शॉर्ट-टर्म वीजा पर भारत आई थीं और आते ही लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई कर दिया था।
ऐसे ही एक अन्य मामले में नबीला का परिवार है, जिनकी शादी पाकिस्तान के रहने वाले इरफान से हुई थी। उनके दो बच्चे जैनब और जेनिश हैं, जो पाकिस्तानी नागरिक हैं। जैनब ने बताया कि हम अपनी नानी से मिलने दिल्ली आए थे, लेकिन अब पाकिस्तान भेजा जा रहा है। उसने कहा कि मां के बगैर कैसे रहेंगे।
17 साल से भारत में रह रहे थे अब्दुल वहीद
जम्मू-कश्मीर में 17 साल से रहने वाले अब्दुल वहीद की कहानी भी दिल दहला देने वाली है। उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस पाकिस्तान वापस भेजने के लिए श्रीनगर से लाई थी। उन्होंने बताया कि वह 17 साल से भारत में रह रहे हैं और पुलिस को उनका वीजा एक्सपायर्ड मिला। अब्दुल वहीद को पाकिस्तान डिपोर्ट करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन इससे पहले ही हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
पाकिस्तान जाने से इनकार
कश्मीर में करीब 40 साल से रह रही परवीन का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कीमत हमें चुकानी पड़ रही है। अब पुलिस जबरन हमें पाकिस्तान भेज रही है, लेकिन हम जाना नहीं चाहते। परवीन ने बताया कि उनकी दो जवान बेटियां हैं, ऐसे में उन्हें लेकर कहां जाएंगे। उनके पति पुलवामा के रहने वाले हैं और उन्होंने बताया कि परवीन के पिता बंटवारे के वक्त पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन अब इतने सालों में परवीन के पति, बहनों और भाइयों के इंतकाल हो चुका है और पाकिस्तान में अब उनका कोई सहारा नहीं है।
सरकार से गुहार
पाकिस्तानी नागरिकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें भारत में ही रहने दिया जाए। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी भारत में बिता दी है और अब पाकिस्तान जाकर उन्हें अपनी जिंदगी खत्म होती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमें यहां नहीं रख सकते तो हमारे परिवार को भी साथ में पाकिस्तान भेजा जाए।
