आतंकवादियों ने पहले पूछा धर्म और फिर 26 लोगो को मार डाला

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों ने बड़ा हमला किया। दो-तीन आतंकियों ने वहां मौजूद 40 पर्यटकों के समूह पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इनमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक घायल हैं।
मृतकों में यूएई और नेपाल के नागरिक और दो स्थानीय लोग शामिल हैं। अफसरों के मुताबिक, 26 में से 22 लोगों की पहचान हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आर्मी / पुलिस की यूनिफॉर्म पहने 5 आतंकी मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले घास के मैदान में घुसे और गोलीबारी शुरू कर दी।
आतंकियों ने धर्म पूछकर पुरुषों को ही निशाना बनाया। घायल एक महिला ने बताया, ‘मेरे पति को इसलिए मारा गया क्योंकि वे मुसलमान नहीं थे।’ वहीं, हमले में मारे गए कर्नाटक के मंजूनाथ की पत्नी ने बताया कि जब उन्होंने आतंकियों से बोला कि मुझे भी मार दो, तब आतंकी बोला- ‘तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो।’
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। यह पर्यटकों पर 25 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले 2000 में अमरनाथ बेस कैंप पर हमले में 30 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे और 60 घायल हुए थे। वहीं, घाटी में 2019 के पुलवामा के बाद सबसे घातक हमला है।
सेना ने आशंका जताई है कि संभव है कि आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरने पहुंचे हों। हमले की खबर फैलते ही पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बड़ी संख्या में पर्यटक, होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए। सुरक्षा बलों ने बैसरन को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस बीच, मुख्यधारा की पार्टियों और अलगाववादी समूह ने बुधवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया है।
